शनिवार, 12 मार्च 2011

दुःख

हमें दुःख तब होता है जब दुसरो से हम यह चाहते है की वे हमें वैसे ही प्यार करे, जिस तरह से प्यार किये जाने की हम कल्पना करते है।
ना की उस ढंग से जिसमे प्यार स्वयं को जाहिर करता है - मुक्त और पाबंदियो के बिना अपनी शक्ति से हमें रास्ता दिखाते और चलते हुआ।

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