सोमवार, 9 जनवरी 2012

हम गुस्से में क्यों चिल्लाते है ?

गुरु ने अपने शिष्यों से एक प्रश्न किया : जब हम गुस्से में होते है तो चिल्लाते क्यों है? क्यों? जब दो व्यक्ति एक दुसरे से नाराज़ होते है तो एक दुसरे पे क्यों चिल्लाते है।
शिष्यों ने कुछ पल सोचा। फिर एक शिष्य ने कहा :
"हम अपना धेर्य खो देते है इसीलिए हम चिल्लाने लगते है।"
" लेकिन वह तो हमारे नजदीक होता है, हम उसे धीरे से मीठी आवाज में भी कह सकते है । फिर इतनी जोर से क्यों चिल्लाते है। "
शिष्यों अनेक जवाब दिए परन्तु कोई भी जवाब गुरु को प्रभावित नहीं कर पाया।
अंत में गुरु ने समझाया :
"जब दो व्यक्ति एक दुसरे से नाराज होते है या गुस्से होते है तो उनके दिलो के बीच बहुत ज्यादा दुरी हो जाती है। उस दुरी को कम करने के लिए वे एक दुसरे से जोर से चिल्ला कर बात करते है ताकि वे एक दुसरे को सुन सके। वे लोग जितने ज्यादा नाराज होगे उतनी दुरी अधिक होगी और वे उतना ही ज्यादा चिल्लायेंगे ताकि वे दिलो की इस दुरी के बावजूद अपनी बात कह सके।"
गुरु ने आगे कहा:
क्या होता है जब दो लोग एक दुसरे से प्यार करते है ? वे एक दुसरे पर चिल्लाते नहीं है। एक दम मीठी, धीमी आवाज में एक दुसरे से बात करते है।
क्यों ?
क्योंकि उनके दिल एक दुसरे के बेहद करीब होते है। उनके बीच की दुरी बहुत कम होती है।
और जब वे और ज्यादा करीब होते है तो उन्हें बात करने की भी जरुरत नहीं होती है। एक दुसरे की तरफ देखते है, आँखों ही आँखों से बात हो जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं: