रविवार, 22 जनवरी 2012

यमराज की दृष्टि

एक बार यमराज की इच्छा हुई की पवित्र नगरी काशी के दर्शन किये जाये। वे चित्रगुप्त के साथ काशी पहुचे। काशी के राजा ने सपरिवार उनकी सेवा सत्कार की। उन्हें अपने राजमहल ले कर गए । वहा पर राजकुमार को देख यमराज एक पल के लिए मुस्कराए और फिर सामान्य हो गए । लेकिन राजा ने वह मुस्कराहट देख ली। उन्होंने यमराज को अतिथि घर में छोड़ा और राजकुमार के पास आये। सारा परिवार इकट्टा हुआ। सब यमराज की मुस्कान से परेशान थे ।
राजा ने कहा "यमराज ने राजकुमार को देख मुस्कराया है। राजकुमार पर उनकी दृष्टि है इसिलए राजकुमार को जल्द से जल्द इस जगह से कही दूर भेज दिया जाये। "
उन्होंने राजकुमार को बंगाल में अपने दोस्त के पास भेजने कार निर्णय लिया और तुरंत उसे बंगाल के लिए भेज दिया।
इधर चित्रगुप्त भी यमराज की मुस्कराहट से हैरान थे।
उन्होंने यमराज से पूछा "महाराज आप राजकुमार को देखकर मुस्कराए क्यों थे । "
यमराज ने चित्रगुप्त की और देखा और कहा : " चित्रगुप्त मै सोच रहा था इस राजकुमार की मौत तो बंगाल में लिखी है फिर ये यहाँ क्या कर रहा है। "

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