शनिवार, 7 जनवरी 2012

तीन बार सजा

एक बार पंजाब के गाँव में, एक चोर ने खेत से २०० प्याज चुरा लिए। भागने से पहले , उस खेत के मालिक ने उसे पकड़ लिया। उसे पंचायत के सामने पेश किया गया।
पंचायत ने उसे १० सोने के सिक्के किसान को देने की सजा सुनाई ।
चोर ने विनती की की सजा बहुत ज्यादा है। पंचायत ने उसके सामने दो सजाओ में से एक सजा चुनने के लिए कहा।
पहली वह २०० कोड़े खाए
या
२०० प्याज खाए।
चोर ने २०० प्याज खाने की सजा चुना।
उसने २५ प्याज खाए ही थे की उसकी आँखें आंसू से भर गयी, पेट में आग जलने लगी। उसने सोचा १७५ प्याज और खाने है , वो इन्हें नहीं खा पायेगा। इसीलिए उसने पंचायत से कहा की वह दूसरी सजा पाने के लिए तैयार है।
उसे कोड़े पड़ने लगे । २० वा कोड़ा पड़ा , की उसकी पीठ अकड़ गयी , उसने उस सजा को रोकने के लिए फरियाद की। उसकी फरियाद मन ली गयी।
लेकिन अभी भी उसकी पहली सजा बरकरार थी। उसे १० सोने के सिक्के देने थे।
- यदि तुमने सिक्के दे दिए होते तो तुम्हे प्याज नहीं खाने पड़ते और कोड़े नहीं सहने पड़ते "पंचायत ने कहा।
-किन्तु तुमने ज्यादा मुश्किल सजा चुनी । तुम यह नहीं समझ पाए की यदि तुमने कुछ गलत किया है तो ज्यादा अच्छा यह की पैसा अदा करो और उस मामले को भूल जाओ .

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