एक बार यमराज की इच्छा हुई की पवित्र नगरी काशी के दर्शन किये जाये। वे चित्रगुप्त के साथ काशी पहुचे। काशी के राजा ने सपरिवार उनकी सेवा सत्कार की। उन्हें अपने राजमहल ले कर गए । वहा पर राजकुमार को देख यमराज एक पल के लिए मुस्कराए और फिर सामान्य हो गए । लेकिन राजा ने वह मुस्कराहट देख ली। उन्होंने यमराज को अतिथि घर में छोड़ा और राजकुमार के पास आये। सारा परिवार इकट्टा हुआ। सब यमराज की मुस्कान से परेशान थे ।
राजा ने कहा "यमराज ने राजकुमार को देख मुस्कराया है। राजकुमार पर उनकी दृष्टि है इसिलए राजकुमार को जल्द से जल्द इस जगह से कही दूर भेज दिया जाये। "
उन्होंने राजकुमार को बंगाल में अपने दोस्त के पास भेजने कार निर्णय लिया और तुरंत उसे बंगाल के लिए भेज दिया।
इधर चित्रगुप्त भी यमराज की मुस्कराहट से हैरान थे।
उन्होंने यमराज से पूछा "महाराज आप राजकुमार को देखकर मुस्कराए क्यों थे । "
यमराज ने चित्रगुप्त की और देखा और कहा : " चित्रगुप्त मै सोच रहा था इस राजकुमार की मौत तो बंगाल में लिखी है फिर ये यहाँ क्या कर रहा है। "
Mere Vichar
रविवार, 22 जनवरी 2012
लाटरी का इनाम
मुल्ला नसरुद्दीन अल्लाह के सामने प्रार्थना करता है : "ऐ खुदा मुझे लाटरी का इनाम दिला दे "।
मुल्ला रोज़ यही प्रार्थना करता है .
महीनो करता है ।
आखिर में अल्लाह से रहा नहीं जाता वह खीच के एक थप्पड़ लगता है मुल्ला को ।:
कहता है साले जाकर पहले लाटरी का टिकेट तो खरीद, फिर तुझे इनाम दूंगा।
मुल्ला रोज़ यही प्रार्थना करता है .
महीनो करता है ।
आखिर में अल्लाह से रहा नहीं जाता वह खीच के एक थप्पड़ लगता है मुल्ला को ।:
कहता है साले जाकर पहले लाटरी का टिकेट तो खरीद, फिर तुझे इनाम दूंगा।
सोमवार, 9 जनवरी 2012
हम गुस्से में क्यों चिल्लाते है ?
गुरु ने अपने शिष्यों से एक प्रश्न किया : जब हम गुस्से में होते है तो चिल्लाते क्यों है? क्यों? जब दो व्यक्ति एक दुसरे से नाराज़ होते है तो एक दुसरे पे क्यों चिल्लाते है।
शिष्यों ने कुछ पल सोचा। फिर एक शिष्य ने कहा :
"हम अपना धेर्य खो देते है इसीलिए हम चिल्लाने लगते है।"
" लेकिन वह तो हमारे नजदीक होता है, हम उसे धीरे से मीठी आवाज में भी कह सकते है । फिर इतनी जोर से क्यों चिल्लाते है। "
शिष्यों अनेक जवाब दिए परन्तु कोई भी जवाब गुरु को प्रभावित नहीं कर पाया।
अंत में गुरु ने समझाया :
"जब दो व्यक्ति एक दुसरे से नाराज होते है या गुस्से होते है तो उनके दिलो के बीच बहुत ज्यादा दुरी हो जाती है। उस दुरी को कम करने के लिए वे एक दुसरे से जोर से चिल्ला कर बात करते है ताकि वे एक दुसरे को सुन सके। वे लोग जितने ज्यादा नाराज होगे उतनी दुरी अधिक होगी और वे उतना ही ज्यादा चिल्लायेंगे ताकि वे दिलो की इस दुरी के बावजूद अपनी बात कह सके।"
गुरु ने आगे कहा:
क्या होता है जब दो लोग एक दुसरे से प्यार करते है ? वे एक दुसरे पर चिल्लाते नहीं है। एक दम मीठी, धीमी आवाज में एक दुसरे से बात करते है।
क्यों ?
क्योंकि उनके दिल एक दुसरे के बेहद करीब होते है। उनके बीच की दुरी बहुत कम होती है।
और जब वे और ज्यादा करीब होते है तो उन्हें बात करने की भी जरुरत नहीं होती है। एक दुसरे की तरफ देखते है, आँखों ही आँखों से बात हो जाती है।
शिष्यों ने कुछ पल सोचा। फिर एक शिष्य ने कहा :
"हम अपना धेर्य खो देते है इसीलिए हम चिल्लाने लगते है।"
" लेकिन वह तो हमारे नजदीक होता है, हम उसे धीरे से मीठी आवाज में भी कह सकते है । फिर इतनी जोर से क्यों चिल्लाते है। "
शिष्यों अनेक जवाब दिए परन्तु कोई भी जवाब गुरु को प्रभावित नहीं कर पाया।
अंत में गुरु ने समझाया :
"जब दो व्यक्ति एक दुसरे से नाराज होते है या गुस्से होते है तो उनके दिलो के बीच बहुत ज्यादा दुरी हो जाती है। उस दुरी को कम करने के लिए वे एक दुसरे से जोर से चिल्ला कर बात करते है ताकि वे एक दुसरे को सुन सके। वे लोग जितने ज्यादा नाराज होगे उतनी दुरी अधिक होगी और वे उतना ही ज्यादा चिल्लायेंगे ताकि वे दिलो की इस दुरी के बावजूद अपनी बात कह सके।"
गुरु ने आगे कहा:
क्या होता है जब दो लोग एक दुसरे से प्यार करते है ? वे एक दुसरे पर चिल्लाते नहीं है। एक दम मीठी, धीमी आवाज में एक दुसरे से बात करते है।
क्यों ?
क्योंकि उनके दिल एक दुसरे के बेहद करीब होते है। उनके बीच की दुरी बहुत कम होती है।
और जब वे और ज्यादा करीब होते है तो उन्हें बात करने की भी जरुरत नहीं होती है। एक दुसरे की तरफ देखते है, आँखों ही आँखों से बात हो जाती है।
शनिवार, 7 जनवरी 2012
तीन बार सजा
एक बार पंजाब के गाँव में, एक चोर ने खेत से २०० प्याज चुरा लिए। भागने से पहले , उस खेत के मालिक ने उसे पकड़ लिया। उसे पंचायत के सामने पेश किया गया।
पंचायत ने उसे १० सोने के सिक्के किसान को देने की सजा सुनाई ।
चोर ने विनती की की सजा बहुत ज्यादा है। पंचायत ने उसके सामने दो सजाओ में से एक सजा चुनने के लिए कहा।
पहली वह २०० कोड़े खाए
या
२०० प्याज खाए।
चोर ने २०० प्याज खाने की सजा चुना।
उसने २५ प्याज खाए ही थे की उसकी आँखें आंसू से भर गयी, पेट में आग जलने लगी। उसने सोचा १७५ प्याज और खाने है , वो इन्हें नहीं खा पायेगा। इसीलिए उसने पंचायत से कहा की वह दूसरी सजा पाने के लिए तैयार है।
उसे कोड़े पड़ने लगे । २० वा कोड़ा पड़ा , की उसकी पीठ अकड़ गयी , उसने उस सजा को रोकने के लिए फरियाद की। उसकी फरियाद मन ली गयी।
लेकिन अभी भी उसकी पहली सजा बरकरार थी। उसे १० सोने के सिक्के देने थे।
- यदि तुमने सिक्के दे दिए होते तो तुम्हे प्याज नहीं खाने पड़ते और कोड़े नहीं सहने पड़ते "पंचायत ने कहा।
-किन्तु तुमने ज्यादा मुश्किल सजा चुनी । तुम यह नहीं समझ पाए की यदि तुमने कुछ गलत किया है तो ज्यादा अच्छा यह की पैसा अदा करो और उस मामले को भूल जाओ .
पंचायत ने उसे १० सोने के सिक्के किसान को देने की सजा सुनाई ।
चोर ने विनती की की सजा बहुत ज्यादा है। पंचायत ने उसके सामने दो सजाओ में से एक सजा चुनने के लिए कहा।
पहली वह २०० कोड़े खाए
या
२०० प्याज खाए।
चोर ने २०० प्याज खाने की सजा चुना।
उसने २५ प्याज खाए ही थे की उसकी आँखें आंसू से भर गयी, पेट में आग जलने लगी। उसने सोचा १७५ प्याज और खाने है , वो इन्हें नहीं खा पायेगा। इसीलिए उसने पंचायत से कहा की वह दूसरी सजा पाने के लिए तैयार है।
उसे कोड़े पड़ने लगे । २० वा कोड़ा पड़ा , की उसकी पीठ अकड़ गयी , उसने उस सजा को रोकने के लिए फरियाद की। उसकी फरियाद मन ली गयी।
लेकिन अभी भी उसकी पहली सजा बरकरार थी। उसे १० सोने के सिक्के देने थे।
- यदि तुमने सिक्के दे दिए होते तो तुम्हे प्याज नहीं खाने पड़ते और कोड़े नहीं सहने पड़ते "पंचायत ने कहा।
-किन्तु तुमने ज्यादा मुश्किल सजा चुनी । तुम यह नहीं समझ पाए की यदि तुमने कुछ गलत किया है तो ज्यादा अच्छा यह की पैसा अदा करो और उस मामले को भूल जाओ .
गुरुवार, 8 दिसंबर 2011
सहवाग के २१९ रन
सचिन तेंदुलकर ने २०० रन २०१० में ग्वालियर में बनाये
वीरेंदर सहवाग ने २१९ रन २०११ में इंदौर में बनाये
एक दिन के मैच के सर्वाधिक रन भारतीय ने बनाये और भारतीय ने ही उसका रिकार्ड तोडा
दोनों सर्वाधिक स्कोर मध्य प्रदेश में बने।
वीरेंदर सहवाग ने २१९ रन २०११ में इंदौर में बनाये
एक दिन के मैच के सर्वाधिक रन भारतीय ने बनाये और भारतीय ने ही उसका रिकार्ड तोडा
दोनों सर्वाधिक स्कोर मध्य प्रदेश में बने।
शनिवार, 26 मार्च 2011
दिखावा ही dhikhava
दिखावा ही दिखावा सब कुछ दिखावा है, इस संसार में कुछ भी नया नहीं है।
सोलोमन ने ३ हज़ार साल पहले कहा था।
आज भी नहीं बदला.
सोलोमन ने ३ हज़ार साल पहले कहा था।
आज भी नहीं बदला.
बदलाव पर ध्यान दीजिये.
एक मेंढक को उसी के तालाब के पानी से भरे डिब्बे में रख दिया जाये । वह उसी में पड़ा रहेगा। बिलकुल स्थिर। फिर पानी को धीरे धीरे गर्म किया जाये तो पानी के तापमान के क्रमंशः बढने और वातावरण के बदलने का मेंढक पर कोई असर नहीं होता है। और जब पानी खौलने लगता है तो मेंढक मर जाता है क्योंकि वह क्रमंशः बदलते वातावरण/तापमान को महसूस नहीं कर पाया।
दूसरी तरफ मेंढक को यदि खौलते हुए पानी से भरे डिब्बे में फेक दिया जाये तो वह फ़ौरन बहार कूदकर अपनी जान बचा लेगा ।
हम क्रमंशः बदलते संबंधो , बदलाव पर ध्यान नहीं देते है। और सोचते है सब अपने आप ठीक हो जायेगा। लेकिन क्या ऐसा होता है।
दूसरी तरफ मेंढक को यदि खौलते हुए पानी से भरे डिब्बे में फेक दिया जाये तो वह फ़ौरन बहार कूदकर अपनी जान बचा लेगा ।
हम क्रमंशः बदलते संबंधो , बदलाव पर ध्यान नहीं देते है। और सोचते है सब अपने आप ठीक हो जायेगा। लेकिन क्या ऐसा होता है।
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